नई दिल्ली, फरवरी 7 -- आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की पहली बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान करते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है। इससे आने वाले दिनों में आपको सस्ते लोन का तोहफा मिल सकता है। साथ में आपकी चल रही ईएमआई भी कम हो सकती है। रेपो रेट (Repo Rate) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा कॉमर्शियल बैंकों को उधार देने के लिए लगाया जाने वाला ब्याज दर है। जब RBI रेपो रेट कम करता है, तो इसका सीधा प्रभाव बैंकों की उधार लेने की लागत पर पड़ता है। चलिए समझते हैं रेपो रेट के कम होने से ईएमआई (EMI) कैसे कम होती है... 1. कम होती है बैंकों की उधार लागत: जब RBI रेपो रेट कम करता है, तो बैंकों को रिजर्व बैंक से पैसे उधार लेने की लागत कम हो जाती है। इससे बैंकों के पास अधिक सस्ता लोन उपलब्ध कराने का अवसर मिल जाता ह...
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