नई दिल्ली, मई 30 -- अब सिर्फ लाहौर, इस्लामाबाद या रावलपिंडी नहीं, चीन के अंदर गहराई तक मौजूद सैन्य ठिकानों को भी भारत के ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना बनाया जा सकेगा। भारत और रूस की संयुक्त परियोजना से बनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को अब और अधिक घातक बनाने की दिशा में पांच बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। 'ऑपरेशन सिन्दूर' में ब्रह्मोस की कामयाबी के बाद यह फैसला लिया गया है। ब्रह्मोस नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कोवा से मिलकर बना है। इसे तैयार किया है ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड ने, जो भारत की DRDO और रूस की NPO Mashinostroyenia का संयुक्त उपक्रम है।क्या खास है नए बदलावों में? फिलहाल ब्रह्मोस मिसाइल चार रूपों में भारतीय सेना के पास है जो जमीन से ट्रक के जरिए, युद्धपोतों से, सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान से और पनडुब्बी से दागे जाने ...