बिहारशरीफ, अप्रैल 29 -- अक्षय तृतीया आज, स्वर्ण आभूषण खरीदने की है परंपरा त्रेतायुग युग का आरंभ अक्षय तृतीया से ही हुआ अक्षय तृतीया को ईश्वर तिथि भी कहा जाता है पावापुरी, निज संवाददाता। 'अक्षय' का शाब्दिक अर्थ है -जिसका कभी क्षय न हो अथवा जो सदा स्थायी रहे। अक्षय तृतीया तिथि अक्षय, अखंड और सर्वव्यापक है। चारों युगों में त्रेतायुग का आरंभ इसी तिथि को हुआ था। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि अक्षय तृतीया को ईश्वर तिथि भी कहा जाता है। सभी जगह अक्षय तृतीया आज यानी बुधवार को मनाया जाएगा। इसी दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था। 30 अप्रैल से ही चारों धामों में से एक धाम बद्रीनारायण के पट खुलेंगे। भक्तों द्वारा इस दिन किये हुए पुण्यकार्य, त्याग, दान-दक्षिणा, जप-तप, हवन आदि काम अक्षय की श्रेणी में आते हैं। इस दृष्टि से यह तिथि हमें जीवन मूल्यों का वरण...