मऊ, मई 18 -- सचिन मिश्रा, मऊ। बोर्ड परीक्षा में पास होने के दबाव और सुसाइड की घटनाओं के बीच सभी बोर्ड ने मूल्यांकन में बदलाव किए हैं। सर्वाधिक कठिन माने जाने वाले यूपी बोर्ड में 44 वर्षों में बोर्ड रिजल्ट का पूरा पैटर्न ही बदल गया। इसके बाद भी यूपी बोर्ड सीबीएसई और सीआईएससीई से अभी पीछे हैं। हालांकि, 1971 के सापेक्ष जनपद में 2025 में यूपी बोर्ड में दसवीं का रिजल्ट लगभग दुगुने से अधिक हो चुका है। इंटर में भी पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में व्यापक बढ़ोतरी हुई है। 1971 में यूपी बोर्ड में जहां परीक्षा देने वाले आधे से ज्यादा छात्र फेल हो गए थे। वहीं 2025 में दसवीं में केवल 06.70 और 12 वीं में 18.69 फीसदी ही छात्र फेल हुए। इसमें हाईस्कूल में 93.30 फीसदी तो इंटरमीडिएट में 81.31 फीसदी छात्र पास हुए हैं। सीबीएसई में भी पास होने वाले विद...