बागपत, सितम्बर 25 -- श्री प्रेम मंडल रामलीला कमेटी दोघट में चल रही रामलीला में भरत मिलाप का मंचन किया। रामलीला में भरत को बार बार श्रीराम के वनवास का स्वप्न आता है। वह शत्रुघ्न को यह बात बताते हैं। अगले दृश्य में भरत व शत्रुघ्न का अयोध्या में प्रवेश होता है। श्रीराम, लक्ष्मण व सीता के वनवास व पिता दशरथ के मरण का सूचना मिलने पर भरत दुखी हो जाते हैं। गुरु वशिष्ठ से भरत कहते हैं कि मुझे राजपाठ नहीं चाहिए। मेरा कल्याण तो राम के चरणों में है। भरत-शत्रुघ्न श्रीराम को मनाने के लिए निकलते हैं। चित्रकूट का राम-सीता व लक्ष्मण के साथ विराजमान हैं। जहां भरत के सेना के साथ आने की सूचना पर लक्ष्मण को संशय होता है, पर राम उन्हें समझाते हैं। इस बीच भरत पहुंचते हैं और भगवान श्रीराम को देखते ही उनसे लिपट जाते हैं। राम-भरत मिलाप को देखकर दर्शक भावुक हो गए।...
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