गंगापार, सितम्बर 26 -- घूरपुर, हिन्दुस्तान संवाद जय मां शारदा धार्मिक प्रतिष्ठान घूरपुर के बैनर तले चल रही श्री रामलीला मंचन में गुरुवार की रात्रि राम जन्म, मुनि आगमन और ताड़का वध लीला का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। एक बार भूपति मन माही ,भई गलानि मोरे सुत नहीं। दरबार में बैठे चक्रवर्ती नरेश दशरथ को अचानक दुख होता है कि उनका चौथा पन आ गया और उन्हें आज तक एक भी पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई। वह अपनी व्यथा लेकर गुरु वशिष्ठ के पास पहुंचे जहां गुरुजी ने कहा कि वह धैर्य रखे उन्हें चार पुत्र होंगे। इसके लिए उन्हें ऋषि श्रृंगी को बुलाकर पुत्रेष्टि यज्ञ कराना होगा। गुरु की कृपा से यज्ञ संपन्न हुआ और अग्नि देव प्रकट हुए। फिर तीनों रानियों से चार पुत्र का जन्म हुआ। पुत्रों का जन्म सुनते दशरथ महराज खुश हुए और ब्राह्मणों और याचको के बीच स्वर्ण मुद्राए...