रामपुर, मई 21 -- रामपुर। देवी स्थान धमोरा पर कथा व्यास मनोज तिवारी ने श्री मद भागवत कथा के चौथे दिन राम वनवास सुनाया। कथा में सुनाया गया कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वचन मांगे। पहले वचन से राम के लिए 14 वर्षों का वनवास और दूसरे वचन से भरत को राज सिंहासन मांगा। राजा दशरथ के बहुत समझाने के बाद भी कैकेयी अपने वचनों पर अडी रहती हैं। इसके बाद राम, सीता और लक्ष्मण सन्यासी की वेशभूषा धारण कर राजा दशरथ एवं तीनों रानियों से आज्ञा लेकर वन की ओर प्रस्थान करते हैं। जिसके बाद पुत्र वियोग में दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। भरत को जब यह जानकारी मिलती है कि राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ है तो वह अपनी मां कैकेयी से बहुत नाराज होते हैं। राम को वन से वापस लाने के लिए भरत वन चल देते हैं। वन में भरत की भेंट राम से होती है। भरत ने राम से वापस राजमहल चलने का आग्रह ...