हरिद्वार, सितम्बर 24 -- हरिद्वार, संवाददाता। श्री रामलीला कमेटी पंचपुरी की ओर से मंगलवार रात आयोजित रामलीला में राजा दशरथ ने अपने बड़े पुत्र श्रीराम को राजगद्दी सौंपने की घोषणा की, लेकिन उसी दिन राम को 14 वर्ष के वनवास के लिए जाना पड़ा। इस मार्मिक दृश्य का जीवंत मंचन देख दर्शक भाव-विभोर हो गए। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विरेन्द्र चढ़्ढा ने बताया कि त्रेतावतारी भगवान राम का उद्देश्य दुष्टों का दलन कर समाज में समरसता स्थापित करना था। राजगद्दी पर बैठकर वे यह कार्य नहीं कर सकते थे। राजा दशरथ की दरबार में राम के राज्याभिषेक की खबर सुनकर देवताओं में खलबली मच गई। नारद द्वारा यह सूचना इन्द्र देव तक पहुँचाई गई। देवी सरस्वती ने मंथरा के माध्यम से रानी कैकई की सोच बदल कर राजा दशरथ से अपने वचनों के अनुसार राम के वनवास और भरत के लिए राजगद्दी की मांग करवा...
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