वाराणसी, नवम्बर 29 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। कलिकाल में हनुमानजी को बुलाने का सबसे सरल उपाय उनके आराध्य का यशगान करना है। जहां भी प्रभु श्रीराम की महिमा का बखान होता है, वहां हनुमानजी अवश्य उपस्थित रहते हैं। यह कहना है मानस मर्मज्ञ पं.उमाशंकर शर्मा का। बरेली से आए पं.शर्मा संकटमोचन मंदिर में हो रहे मानस सम्मेलन में शुक्रवार की शाम प्रवचन कर रहे थे। जबलपुर (मप्र) से आए पं.ब्रजेश दीक्षित ने कहा कि राम किसी खास वर्ग के नायक नहीं है वल्कि वे इस चराचर जगत के नायक हैं। अयोध्या का रामराज्य सिर्फ मानवता के प्रति समर्पित नहीं है बल्कि हृदय की सत्ता और धर्म की सत्यता है। रामराज्य के मर्म में सत्य की रक्षा सबसे मुख्य है। वृंदावन के पं.अंकित त्रिपाठी ने कहा कि रामनाम से बढ़कर इस सृष्टि में कोई दूसरा मंत्र नहीं है। पं.नंदलाल उपाध्याय ने कहा कि जीवन ...