हाथरस, जून 22 -- मुरसान। कस्बा में रेलवे स्टेशन के सामने पीपल वाली माता पर चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन शनिवार को कथा व्यास प्रीति किशोरी ने परशुराम-लक्ष्मण संवाद एवं श्रीराम विवाह के प्रसंगों का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम के धनुष भंग करते ही सीता जी ने उन्हें जयमाल पहनाई। स्वयंवर में मौजूद पापी राजा उत्पात करने को तत्पर हो गए। इसी बीच धनुष के टूटने की टंकार सुनकर वहां पहुंचे श्री परशुराम से लक्ष्मण का तीखा संवाद हुआ, किंतु श्रीराम ने भाई को शांत कर परशुराम को विनम्र भाव से संतुष्ट किया।तत्पश्चात महाराज जनक ने दूतों से बरात का न्योता अयोध्या भिजवाया। श्रीराम की बरात में समस्त देवता अपने विमानों पर सवार होकर आए। राजा जनक व सुनयना ने सीता जी का कन्यादान किया। तत्पश्चात श्रीराम के छोटे तीनों भाइयों का विवाह हुआ।...