बागपत, अप्रैल 26 -- शहर के गांधी रोड पर श्री राम कथा चल रही है। जिसमें कथा व्यास पवन महाराज ने भगवान राम के प्रसंग को सुनाया। उन्होंने कहा कि राजा जनक भगवान शिव के वंशज थे और भोलेनाथ का धनुष उनके राज महल में रखा था। एक बार महाराज जनक ने अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर की घोषणा का साथ ये भी एलान कर दिया कि जो धनुष की प्रत्यंचा को चढ़ा देगा, उसी से मेरी पुत्री सीता का विवाह होगा। शिव धनुष कोई साधारण धनुष नहीं था बल्कि उस काल का ब्रह्मास्त्र था। चमत्कारिक धनुष के संचालन की विधि राजा जनक, माता सीता, परशुराम और आचार्य विश्वामित्र को ही ज्ञात थी। जनक राज को इस बात का डर था कि अगर धनुष रावण के हाथ लग गया तो इस सृष्टि का विनाश हो जाएगा।

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