जौनपुर, अक्टूबर 7 -- बदलापुर, हिन्दुस्तान संवाद। सीता हरण के बाद लाख प्रयास के बाद भी लंका का राजा रावण सीता को वापस करने के लिए तैयार नहीं हुआ। अंत में राम को युद्ध के लिए विवश होना पड़ा। जहां मेघनाद से भीषण संग्राम में लक्ष्मण मूर्छित हो गए। जिनकी दशा देख राम गोद में लेकर करुण क्रंदन करने लगे। जिसे देख दर्शकों की आंखें नम हो गईं। उक्त लीला का मंचन सोमवार की रात क्षेत्र के बबुरा गांव में राघवेंद्र रामलीला समिति द्वारा किया गया। फिर क्या सुषेण वैद्य के अनुसार बजरंग बली ने संजीवनी बूटी की व्यवस्था किया। जिसे ग्रहण करते ही लखन फिर होश में आ गये। मेघनाद व लक्ष्मण का भीषण संग्राम हुआ और लक्ष्मण विजई हुये। श्री राम ने अंत में रावण का बध किया और जय श्रीराम के उद्घोष से क्षेत्र गूंज उठा। दशरथ की भूमिका में धर्मेंद्र शुक्ल, राम विनय खरवार, लक्ष्म...