रामपुर, सितम्बर 9 -- रामपुर। तकनीक के विकास के साथ साइबर अपराधियों के हथियार भी बदल रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर साइबर अपराधी डीपफेक और ऑटोमेटेड फिशिंग को अंजाम दे रहे हैं। पहले जहां साइबर ठगी के लिए मैन्युअल तरीके अपनाए जाते थे, वहीं अब एआई आधारित टूल से की जा रही है। रामपुर में एक साल के अंदर दो हजार से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा चुका है। साइबर थाना पुलिस ने आई शिकायतों में पुलिस ने अलग-अलग राज्यों में 1.50 करोड़ रूपए से अधिक को होल्ड करा रखा है। इन रुपए की आस में रामपुर के करीब 1850 लोग बैठे हैं। डीपफेक और वॉयस क्लोनिंग का करते हैं उपयोग रामपुर। एआई की मदद से अब अपराधी किसी की आवाज या चेहरे को कॉपी कर उसके रिश्तेदारों या सहकर्मियों से पैसे ऐंठ रहे हैं। डीपफेक वीडियो और ऑडियो क्लोनिंग तकनीक के जरिए वे ...
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