वाराणसी, अप्रैल 3 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। वाल्मीकि रामायण के सुंदरकांड के पहले श्लोक की गूंज होते ही श्री राम पट्टाभिषेक महोत्सव का उत्सव मंडप हनुमत प्रभु की दिव्य आभा से दमक उठा। जप दीर्घा में सुंदरकांड के प्रसंग का परायण आरंभ होने के साथ ही यज्ञ कुंड में राम दूत के नाम से आहुतियां भी आरंभ हो गईं। मानसरोवर स्थित श्रीराम तारक आंध्र आश्रम में गुरुवार के कर्मकांड में प्रभु हनुमान की हर भूमिका का वर्णन हुआ। अनुष्ठान के मुख्य आचार्य उलीमीरी शोमा याजुलू ने बताया कि संपूर्ण सुंदरकांड श्रीहनुमत प्रभु की शौर्य गाथाओं पर आधारित है। इस अध्याय के नायक हनुमान जी ही हैं। आचार्य शोमा याजुलू ने इसी संदर्भ में कपिराज हनुमान की विलक्षण प्रतिभा, शौर्य और तेज को नमन करते हुए कहा कि समुद्र लंघन में वायु की गति को भी मात देते हुए वानराधीश जब सीता तक पहुं...