गाजीपुर, दिसम्बर 2 -- देवकली, हिन्दुस्तान संवाद। मानस परिषद देवकली की ओर से ब्रहमस्थल परिसर में 51वां पांच दिवसीय मानस सम्मेलन आरंभ हुआ। रविवार को पहले दिन प्रवचन में आचार्य चन्द्रकेश महाराज ने रामचरित मानस की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस विश्व का आदर्श ग्रंथ है, जिसके सभी पात्र आदर्शों से परिपूर्ण हैं। इसमें भाई-भाई, पिता-पुत्र, सास-बहू, मित्रता और पति-पत्नी जैसे सभी संबंधों का आदर्श स्वरूप मिलता है, जो सभी जाति, धर्म और संप्रदाय के लोगों के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रमणों के बाद भी सनातन धर्म आज भी दृढ़ है, लेकिन वर्तमान समय में मनुष्य पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित होकर पतन की ओर जा रहा है। मानव जीवन देवताओं को भी दुर्लभ है, और चौरासी लाख योनियों के बाद प्राप्त होता है। इसका उद्देश्य भजन-कीर्तन से सं...