लखनऊ, मई 6 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य सरकार ने राज्यकर विभाग को सेवारत विभाग का दर्जा दे दिया है। अभी तक इसे व्यवसायिक विभाग होने का दर्जा प्राप्त था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। राज्यकर विभाग पहले वाणिज्य कर विभाग हुआ करता था। जीएसटी आने के बाद इसका नाम बदल कर राज्यकर विभाग कर दिया गया। इसका मुख्य काम टैक्स वसूलना है। इसीलिए इसे व्यवसायिक विभाग का दर्जा दिया गया। सरकारी विभाग होने के बाद भी व्यवसायिक विभाग होने की वजह से कार्यालय भवन बनाने के लिए भूमि कम दर पर नहीं मिल पा रही थी। इसीलिए इसे व्यवसायिक से सेवारत विभाग का दर्जा दे दिया गया है, जिससे कार्यालय भवन आदि बनाने के लिए कम दर पर भूमि मिलने का रास्ता साफ हो जाए।
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