नई दिल्ली, फरवरी 22 -- किसकी ताकत दिल्ली के बाद सबकी निगाह अब बिहार चुनाव पर है। कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि बिहार में इस बार पार्टी अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश करेगी, भले ही नतीजा कुछ भी हो। इन नेताओं का तर्क है कि जब तक पार्टी अपने संगठन का विस्तार नहीं करेगी, ज्यादा बड़े नतीजे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। राहुल गांधी से मिलने आए बिहार के एक नेता ने ऐसी बात कही कि सभी भौंचक रह गए। नेताजी ने कहा, आप जिसे पार्टी की ताकत बढ़ाने के लिए भेजते हैं वह अपनी ताकत बढ़ाने लगता है इसलिए जो जिम्मेदार हैं उनपर भी नजर रखनी चाहिए। इस पर आलाकमान की सकारात्मक बातें सुनकर फिलहाल नेताजी खुश हैं। ऐसा भी क्या? भाजपा को दिल्ली में मुख्यमंत्री तय करने में दस दिन लगे। कारण चाहे जो भी हो लेकिन इससे मुख्यमंत्री के कई दावेदारों को गहरा सदमा भी लगा, लेकिन हद तो...
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