अलीगढ़, अक्टूबर 8 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। हिंदी प्रचारिणी सभा अलीगढ़ के तत्वावधान में राष्ट्र कवि दिनकर की 117वीं जयंती एसजेडी विद्यालय के सभागार आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के सफलतापूर्ण समापन हो गया। गोष्ठी में देश विदेश से पधारे अतिथियों ने दिनकर को याद कर नमन किया। रांची विश्वविद्यालय रांची के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डा जंग बहादुर पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर राग, आग और वैराग्य के कवि हैं। वह उत्तर छायावाद के सबसे महत्वपूर्ण कवि हैं। दिनकर ने अपनी लेखनी से दुनिया डुला दी और अपने कामों से जमाना को बोलवा दिया। डा. पाण्डेय ने कहा कि रसवंती, नील कुसुम और उर्वशी यदि राग की कविताएं हैं, तो हिमालय, हुंकार, सामधेनी और परशुराम की प्रतीक्षा आग की कविताएं हैं। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा...