सोनभद्र, फरवरी 17 -- अनपरा,संवाददाता। नियमों की अनदेखी कर बिजलीघरों की उत्सर्जित राख से वन भूमि और प्राकृतिक नाले पाटे जा रहे है। हालत इतने बदतर है कि नालों में भरी राख से अब रिहन्द जलाशय को खतरा पैदा हो रहा है। ऊर्जांचल सिविल सोसायटी ने भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय,केन्द्रीय प्रदूषण नियनत्रण बोर्ड से तत्काल मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि विद्युत गृहों की राख का हाइवे और सड़क निर्माण में इस्तेमाल न कर रेनुकूट वन प्रभाग के लभरी सेन्दूर मकरा आदि क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की जमीनों में भराव के नाम पर खेल किया जा रहा है। वन विभाग और पर्यावरण विभाग से एनओसी लेकर हो रहे राख भराव में मानक की खुले आम धज्जियां उड़ायी जा रही है। रिटेनिंग वाल का निर्माण कराये बगैर भरी जा रही राख से निकटवर्ती बस्त...