कानपुर, अप्रैल 21 -- कानपुर। हिन्दू धर्म में पितरों को समर्पित वैशाख अमावस्या (सतुआही अमावस्या) इस साल 27 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी। आचार्य पवन तिवारी ने कहा कि यह अमावस्या पितरों की तृप्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में शनि जयंती भी मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सतुआही अमावस्या पर अनुष्ठान करने से पितृदोष शांत होता है। वहीं, शनि जयंती होने के कारण कर्मों का फल बेहतर मिलता है। उन्होंने कहा कि पवित्र स्नान का समय सुबह 4:17 बजे से 5:00 बजे तक है। आचार्य पवन ने कहा कि नदी में स्नान करके पितरों को तर्पण करना चाहिए। सत्तू का दान करने से पितृदोष का नाश होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.