जमुई, मार्च 18 -- जमुई, निज संवददाता रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना है, जिसमें इबादत कर अल्लाह की रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से निजात पाने का अवसर मिलता है। उक्त बातें चकाई में मौजूद मदरसा राज-ए-मुस्तफा के हाफिज कमरूद्दीन ने कही। उन्होंने कहा कि इसमें अल्लाह मरहूमों पर मगफिरत फरमाता है और रोजेदारों को गुनाहों से आजादी मिलती है। साथ ही उन्होंने कहा कि रमजान माह के दूसरे अशरे को मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का अशरा कहा जाता है। इसमें अल्लाह अपने बंदों को खास इनआमात से नवाजता है। रमजान में अल्लाह ताला अपने बंदों को रहमतों से जहां मालामाल करता है वहीं उसे गुनाहों से निजात व जहन्नम से आजादी देता है। दूसरा अशरा रमजान के बीसवें रोजे के सूरज डूबने तक रहेगा। हाफिज कमरूद्दीन ने कहा कि रमज़ान का हर पल बरकत वाला होता है, और दूसरा अशरा विशेष रूप से माफ...
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