औरैया, नवम्बर 8 -- जिला कृषि रक्षा अधिकारी शैलेन्द्र कुमार वर्मा ने किसानों से रबी 2025 की बुआई से पहले बीज शोधन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बीज शोधन से फसलों के रोगों से सुरक्षा मिलती है और कम लागत में अधिक उत्पादन संभव होता है। उन्होंने बताया कि फसलों को खरपतवार, कीट, रोग और चूहों से हर साल 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान होता है। रोगों से बचाव के लिए रबी फसलों का बीज शोधन अत्यंत आवश्यक है। आलू की फसल में जीवाणु झुलसा से बचाव के लिए स्टेप्ट्रोमायसीन सल्फेट 90 फीसदी टेट्रासाइक्लीन हाइड्रोक्लोराइड 10 फीसदी की चार ग्राम मात्रा प्रति 25 किलों बीज में मिलाकर रात भर भिगोएं और अगले दिन छाया में सुखाकर बुआई करें। गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों, मसूर आदि फसलों में कार्बेन्डाजिम या थिरम दवा से बीज उपचार करें। जैविक विकल्प के रूप में ट्राइकोडर्मा क...