नई दिल्ली, अक्टूबर 28 -- नवनीत सहगल,चेयरमैन, प्रसार भारती आसियान शिखर सम्मेलन में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर द्वारा भारत की खुलकर प्रशंसा करना, तेजस एमके 1ए की पहली सफल उड़ान और 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद कई देशों का रक्षा सहयोग में रुचि दिखाना इस बात प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक रक्षा परिदृश्य में निर्णायक शक्ति के रूप में उभर चुका है। यह परिवर्तन किसी संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि मोदी सरकार के उन प्रयासों का प्रतिफल है, जिसने भारत को 'रक्षा आयातक' से 'रक्षा निर्यातक' बना दिया है। बीते एक दशक में भारत ने जिस आत्मविश्वास के साथ नीति-निर्माण और नवाचार को जोड़ा है, उसने देश की रणनीतिक दिशा ही बदल दी है। 2014 में जहां हमारा रक्षा उत्पादन 46,429 करोड़ रुपये था, वहीं 2023-24 में ...
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