बलिया, अगस्त 9 -- बलिया। फेफना क्षेत्र के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि भगवान शंकर के प्रिय महीना सावन के पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार प्राचीन समय से मनाया जाता है। काफी दिनों बाद इस बार सूर्योदय से पहले ही भद्रा समाप्त हो जायेगा। लिहाजा बहनें पूरे दिन भाइयों को राखी बांध सकती हैं। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि रक्षा-सूत्र बांधते समय 'येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल... मंत्र का उच्चारण करते हुए भाई की दाहिनी कलाई पर ही बांधनी चाहिए। संभव हो तो रक्षा-सूत्र के बांधने तक भाई और बहन दोनों उपवास रहें और रक्षासूत्र में सरसों, केसर, चंदन, अक्षत और दूब बांधना चाहिए। रक्ष सूत्र की पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके बाद बहन भाई को मिठाई खिलाती है, आशीर्वाद देती है, तो भाई अपनी बहन...
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