औरंगाबाद, जून 25 -- दाउदनगर के शुक बाजार स्थित एक मीटिंग हॉल में योग विषयक एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें योग के सिद्धांतों और उसके व्यावहारिक पक्षों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुरेश यादव ने किया। जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि सृष्टि की रचना किसी भौतिक तत्व से नहीं, बल्कि चेतना से हुई है। उन्होंने कहा कि कर्मयोग का अर्थ केवल श्रम करना नहीं, बल्कि दूसरों के हित में कार्य करना और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना है। श्री सिंह ने योग को वैज्ञानिक यंत्र की संज्ञा देते हुए कहा कि जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए योग अनिवार्य है। पतंजलि द्वारा प्रतिपादित योगसूत्रों की व्याख्या करते हुए उन्होंने 'यम' को सच्चाई की ओर चलना, 'नियम' को प्राकृतिक न...