लखनऊ, अगस्त 1 -- यूपी सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने निराश्रित गायों से प्रतिदिन प्राप्त होने वाले 54 लाख किलोग्राम गोबर को बायोप्लास्टिक, बायो-पॉलिमर, बायो-टेक्सटाइल, पर्यावरण अनुकूल कपड़ा, कागज, बायोगैस, कम्पोस्ट और नैनोसेल्यूलोज जैसे टिकाऊ उत्पादों में बदलने के लिए एक नई पहल शुरू की है। सरकार ने एक बयान में कहा कि इस पहल का उद्देश्य 'हर गांव ऊर्जा केंद्र' मॉडल के तहत ग्रामीण रोजगार, जैविक खेती और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना है। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि यह योजना मुख्यमंत्री के "हर गांव ऊर्जा केंद्र" मॉडल के अनुरूप है। इसमें गोबर आधारित बायोगैस से ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ जैविक/प्राकृतिक खेती, ग्रामीण रोजगार और गोशालाओं की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की जाएगी। विशेष क...