उरई, दिसम्बर 24 -- कालपी। यूरिया खाद की कमी अब किसानों की मुसीबत बन गयी है और वह दर बदर भटक रहे है लेकिन उन्हें किसी भी कीमत पर एक बोरी नहीं मिल रही है। आलम यह है कि तीन दिनों से सहकारी समितियों के साथ निजी खाद विक्रेताओं के भी गोदाम खाली पड़े है। वैसे तो खाद की समस्या किसानों के लिए कोई नयी नहीं है बल्कि वह इससे वर्षो से जूझते आ रहे है हालांकि यह समस्या डीएपी में अधिक थी जबकि यूरिया के लिए उन्हें ज्यादा जहमत नहीं करनी पड़ती थी। क्योंकि यह खाद निजी खाद विक्रेताओं के यहाँ भरपूर रहती थी लेकिन इस बार यूरिया उन्हें रूला रही है। किसानों की माने तो इस समय गेहूं की फसल मे पानी का समय चल रहा है जिसके बाद उसमे खाद की जरूरत रहती हैं लेकिन इस बार खाद के अभाव के कारण खेतो में समय से खाद का छिड़काव नहीं हो पा रहा है। किसान राममोहन, आशनरायन, सुधाकर, कमल...
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