लखनऊ, अप्रैल 4 -- यूपी में क्लीनिकल ट्रायल को रफ्तार मिलेगी। नई दवा और उपकरणों की खोज आसान होगी। इसका फायदा मरीजों को मिलेगा। कम लागत में आधुनिक इलाज की सुविधा मिल सकेगी। इन्हीं बिन्दुओं पर केजीएमयू में प्रदेश भर के विशेषज्ञों की टीम ने मंथन किया। केजीएमयू के ब्राउन हॉल में शुक्रवार को क्लीनिकल ट्रायल के विस्तार के लिए गोलमेज सम्मेलन हुआ। इसमें 20 मेडिकल संस्थान के प्रतिनिधि समेत अन्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहाकि यूपी में क्लीनिकल ट्रायल के स्वरूप को तय करने की जरूरत है। उनकी नीति निर्धारण व सीमाएं तय किया जाना चाहिए। क्लीनिकल ट्रायल कैसे किया जाए? किन-किन बीमारियों में क्लीनिकल ट्रायल की आवश्यकता है। सबसे पहले इसे तय करने की जरूरत है। ताकि अधिक से अधिक मरीजों को नई दवा और उपकरणों का लाभ मिल सक...
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