वरिष्ठ संवाददाता, मई 25 -- गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू के प्रसार के कारणों की तलाश तेज हो गई है। चिड़ियाघर प्रशासन अब बर्ड फ्लू वायरस की जिनोम सीक्वेंसिंग कराएगा। इसके लिए चिड़ियाघर प्रशासन भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान को पत्र लिखने जा रहा है। इसके साथ ही आईवीआरआई बरेली को भी एक पत्र भेजा जाएगा। अमूमन बर्ड फ्लू का प्रसार सर्दी के सीजन के अंतिम महीने में होता है। आमतौर पर जनवरी-फरवरी में इसका प्रसार सर्वाधिक होता है। यह बीमारी पक्षियों में पाई जाती है। गोरखपुर के चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू गर्मियों में कहर बरपा रहा है। यह पक्षियों के अलावा बाघ, तेंदुआ, गिद्ध को संक्रमित कर रहा है। यह वायरस का नया पैटर्न है। माना जा रहा है कि वायरस में म्यूटेशन हुआ है। बर्ड फ्लू वायरस के स्ट्रेन...