लखनऊ, जुलाई 27 -- सर्कुलर इकनामी पर जोर लखनऊ। विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व कामन एफ़्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए अपशिष्ट जल का शोधन कर रहा है। निकट भविष्य में सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट के री-यूज़ नेटवर्क की स्थापना होगी। गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर व कसना संयंत्र को नई तकनीक से जोड़ने का काम हो रहा है। इन दोनों संयंत्रों के अपग्रेडेशन काम अगले साल जून तक पूरा हो जाएगा। गाजियाबाद में कामन एफ़्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 6 एमएलडी से बढ़ा कर 16 एमएलडी करने की तैयारी है। इस पर 42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विशेष रूप से टेक्सटाइल इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट जल का शोधन होगा। शोधित जल को औद्योगिक इकाइयों में कूलिंग,...