आगरा, अगस्त 12 -- पढ़ने के लिए विश्वस्तरीय विद्यालय, शिक्षण संस्थान हों। अनुसंधान के लिए सुविधाएं हों। लाखों रुपये खर्च कर प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद भी नौकरी के लिए भटकना न पड़े। अपने शहर में ही प्रतिभा के अनुसार काम मिल जाए। प्रतिभा की कद्र हो और सोच की भी। समय की मांग के अनुसार शिक्षा स्कूल स्तर से दी जाए। स्टार्टअप को बढ़ावा मिले। युवाओं के सपने और उम्मीद के साथ भविष्य में देश को बेहतर बनाने के सुझाव भी हैं। युवा बदलाव की बात करते हैं। कागजों पर नहीं जमीन पर काम करने की उम्मीद रखते हैं। युवा भारत की ताकत का डंका दुनिया में बजाने की हिम्मत भी दिखाते हैं। डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के सेठ पदमचंद जैन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉमर्स, बिजनेस मैनेजमेंट एंड इकोनॉमिक्स में युवाओं ने समस्याओं, भविष्य के सपने, विजन, नए दौर की चुनौतियों को लेकर विचा...