बिजनौर, मई 6 -- अस्थमा दिवस को याद रखना जरूरी है, क्योंकि सवाल सांसों का है। चाहते हुए भी दुनियाभर के करोड़ों लोग ऐसे हैं जो अपने हिस्से की सांस भी नहीं ले पाते। हाल के वर्षों में युवाओं में अस्थमा के मामलों में वृद्धि देखी गई है जो चिंता का विषय है। इनमें भी गांवों के मुकाबले शहरों में अधिक केस हैं। फिजीशियन एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ व ब्रोंकोस्कोपिस्ट डा. तज़ीन आरिफ के अनुसार शहरीकरण, वायु प्रदूषण में वृद्धि, जीवन शैली में बदलाव और बचपन में हुआ श्वांस की नली का संक्रमण युवाओं में अस्थमा के मामलों में वृद्धि का प्रमुख कारण बन रहा है। बिजनौर जैसे क्षेत्रों में, शहरों की तुलना में गांवों में अस्थमा के मामले अपेक्षाकृत कम देखने को मिलते हैं। इसका मुख्य कारण गांवों में वायु प्रदूषण का स्तर शहरों की तुलना में कम होना भी हो सकता है। डा. तज़ीन आरिफ क...