देवघर, जुलाई 1 -- स्थानीय बावनबीघा संवाद कार्यालय में सोमवार को हूल दिवस मनाया गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जल, जमीन और जंगल की रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति में शामिल सिदो-कान्हू,चांद-भैरव, फूलो-झानो आदि क्रांतिकारियों को नमन करते हुए उनकी तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित की। मौके पर वरिष्ठ समाजकर्मी घनश्याम ने कहा कि पूरा देश हूल क्रांति के महानायकों को नमन करता है। उनकी वीरता को याद करता है। सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो का पराक्रम इतिहास के पन्नों में दर्ज है। अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ किसान, मजदूर और कारीगरों का यह संगठित विद्रोह था। साहिबगंज का भोगनाडीह आज भी इनकी बहादुरी की गवाही देता है। सिदो-कान्हू के नेतृत्व में संताल आदिवासियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ 30 जून 1855 को हूल क्रांति का आगाज किया था। यह...
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