नई दिल्ली, सितम्बर 25 -- लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा देने और क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चला शांतिपूर्ण आंदोलन जिस तरह अचानक हिंसक हो उठा, उसने पूरे देश को चिंता में डाल दिया है। यह आंदोलन लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेतृत्व में भले ही हो रहा था, लेकिन इसकी कमान मुख्य रूप से पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के हाथ में थी। उनकी मंशा शांति बनाए रखने की रही होगी, किंतु यह स्पष्ट है कि वह आंदोलन में शामिल राजनीतिक कार्यकर्ताओं और उग्र तत्वों पर नियंत्रण नहीं रख पाए। हिंसा के दौरान भाजपा कार्यालय को आग के हवाले करना, लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद को नुकसान पहुंचाना और सुरक्षा बलों के वाहनों पर हमला करना यह संकेत देता है कि आंदोलन में असामाजिक तत्व घुस आए थे। यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि...
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