नई दिल्ली, सितम्बर 30 -- भारत में भीड़ प्रबंधन की अनदेखी अक्सर जानलेवा साबित होती है। राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटाए जाते हैं, लेकिन सुरक्षा और व्यवस्था को पीछे छोड़ दिया जाता है। नतीजा यह होता है कि भगदड़ जैसी घटनाओं में आम जनता को अपनी जान गंवानी पड़ती है। यह सच हमारी व्यवस्था की उस बेरहम सच्चाई को उजागर करता है, जहां लोकप्रियता की राजनीति जनता की जिंदगी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण समझी जाती है। अभिनेता विजय का ही रोड शो उस स्थान पर आयोजित किया गया था, जिसकी क्षमता जुटी भीड़ को संभालने में सक्षम नहीं थी। आयोजक ने अधिक लोगों को बुला लिया, जिसके कारण माहौल अचानक बेकाबू हो गया और भगदड़ में कई निर्दोष मारे गए। सवाल यह उठता है कि जब स्थान की क्षमता सीमित थी, तो इतनी भीड़ को इकट्ठा होने की अनुमति क्यों दी गई? यह सीध...
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