लखनऊ, अगस्त 11 -- लखनऊ, संवाददाता। बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन सोमवार को कथाव्यास स्वामी बाल भरत जी महाराज नें भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की चपल बाल लीलाओं से ग्वाल-बाल, गाय, बछड़े, गोपियां और यमुना की धारा तक प्रसन्न हो जाती थी। माखन चोरी और मिट्टी खाने की लीलाओं की व्याख्या करते हुए स्वामी जी ने कहा कि भगवान ने माखन की चोरी करके अपने मित्रों और वानरों को खिलाया। क्योंकि रामावतार में वानरों को वरदान दिया था कि वह अपने हाथों से माखन खिलाएंगे। बाल भरत जी महाराज ने कालिया नाग प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि यमुना भक्ति है कालिया पाखंड का रूप है तथा विष ही प्रदूषण है। अर्थात यमुना रूपी भक्ति में जब कालिया रूपी पाखंड घुस जाता है तो...