गया, मार्च 27 -- दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सेहत केंद्र के तत्वावधान में यक्ष्मा (टीबी) पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीयूएसबी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवनीश कुमार मृदुल ने यक्ष्मा के लक्षण, इसके होने के कारण, रोकथाम और उपचार पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. अवनीश ने बताया कि यक्ष्मा एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियां, किडनी और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। डॉ. मृदुल ने कहा कि यक्ष्मा के प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना, बलगम में खून आना, तेजी से वजन घटना, रात में पसीना आना, भूख में कमी और लगातार थकान महसूस होना शामिल हैं। यदि किसी व्यक्ति...