सीवान, फरवरी 22 -- हसनपुरा, एक संवाददाता। पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज अलग ही दिख रहा है। इससे गेहूं के उत्पादन और गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। वहीं किसान दूसरी बार अपने फसलों को पटवन किए हैं, ताकि समय पर गेहूं की बाली लग सके। किसानों का कहना है कि मौसम का असर फसल की बढ़ोतरी के हर चरण में अलग-अलग होता है। अक्टूबर में बोई गई फसल और नवंबर में बोई गई फसल की तुलना करें तो सामान्य तौर पर अक्टूबर की बुवाई से बेहतर उत्पादन मिलता है। इनलोगों का यह भी कहना है कि तापमान में मामूली बढ़ोतरी से फसल पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ता। फसल के लिए भी ज्यादा चिंता का विषय नहीं है। अधिक प्रभाव तब पड़ता है, जब मार्च के मध्य या अंत में तापमान अचानक 37-38 डिग्री तक पहुंच जाए। ऐसा होने पर फसल समय से पहले पकने लगती है। इससे पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सक...