लखीमपुरखीरी, जुलाई 21 -- लखीमपुर, संवाददाता। मौसम के उतार चढ़ाव का असर फसलों पर पड़ रहा है। फसलों में खरपतवार बढ़ने लगा है। अगर खरपतवार तुरंत नष्ट न किया गया तो इससे फसल कमजोर हो जाएगी और इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। वहीं धान की रोपाई के लिए श्रमिक न मिलने से किसानों की सुविधा के लिए ड्रमसीडर मशीन से अंकुरित धान की बुवाई की सलाह विभाग दे रहा है। इससे लागत कम आएगी और कतार में बुवाई से खरपतवार पर नियंत्रण होगा। जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुबाष ने बताया कि खड़ी फसल में खरपतवार नियन्त्रण को बिसपाइरीबैक सोडियम 10 प्रतिशत एससी 0.250 लीटर रोपाई के 15 से 20 दिन बाद 300 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। वहीं मक्का, ज्वार, बाजरा में खरपतवार नियंत्रण को एट्राजिन 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी दो किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या डयूरान 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी 1.5 से 2...