लखनऊ, जुलाई 10 -- टिटनेस के कारण सीतापुर निवासी किसान राजेश कुमार (40) का मुंह खुलना बंद हो गया था। मांसपेशियां अकड़ गई थीं। शरीर में मामूली हरकत थी। परिवारीजन सभी उम्मीद खो बैठे थे। गंभीर अवस्था में मरीज को एरा मेडिकल कॉलेज लाया गया। यहां डॉक्टरों को नया जीवन देने में कामयाबी मिली। एरा मेडिकल कॉलेज के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुस्तहसिन मलिक ने बताया कि सिजर टिटनेस की वजह से रेस्पिरेटरी पैरालिसिस (श्वसन विफलता) हो जाता है। खाना सांस की नली में चला जाता है, जो जानलेवा हो सकता है। इलाज के दौरान 40 प्रतिशत ही गंभीर टिटनेस के मरीज बच पाते है। उन्होंने बताया कि राजेश कुमार भी गंभीर अवस्था में 16 जून भर्ती किया गया। परिवारीजनों ने बताया कि लगभग 20 दिन पहले खेत में काम करते समय लोहे की कील से उसे चोट लग गई थी। चार दिन के बाद उस...
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