वरिष्ठ संवाददाता, मई 21 -- बच्चों के बीच मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से उनमें ऑटिज्म का खतरा बढ़ गया है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मानसिक स्वास्थ्य विभाग की ओपीडी में हर महीने 40 से 50 बच्चे मोबाइल व दूसरे कारणों से ऑटिज्म के शिकार होकर आ रहे हैं। काउंसिलिंग और दवाओं से बच्चों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना कि एक बार ऑटिज्म की चपेट में आने के बाद बच्चे के पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद बहुत ही कम होती है। समस्या पर जरूर काबू पाया जा सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह एक न्यूरोलॉजिकल और विकासात्मक बीमारी है जो दिमाग के विकास को प्रभावित करती है। पांच साल तक के बच्चों में इस बीमारी के पनपने का खतरा अधिक रहता है। कुछ बच्चे जन्म से बीमार होते हैं। यह अनुवांशिक भी हो सकता है। इसम...