हाथरस, अक्टूबर 14 -- हाथरस। किसी का चंदा, किसी का सूरज तो किसी की आखों का तारा। सोमवार को माताओं ने बच्चों के लिए व्रत रख अहोई माता की उपासना की। पिछले कई दिनों की तैयारियों के बाद माताओं ने व्रत रखकर बच्चों की दीर्घायु और उन्नत भविष्य की कामना की। इससे पहले बाजार में माताओं ने पूजा सामग्री आदि की खरीदारी भी की। करवाचौथ के बाद महिलाओं फिर एक बार निर्जल व्रत रखा। फर्क इतना था तब पति की लम्बी उम्र की कामना की थी अब पुत्रों की। बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने बच्चों की सलामती के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखा। सुबह व्रत रख महिलाओं ने सूर्य को जल चढ़ाया तथा दिनभर निर्जल उपासना के बाद शाम को अपनी परम्परा के अनुसार करवे से किसी ने चन्द्रमा को अघ्र्य दिया। किसी ने तारों को अघ्र्य दिया। इससे पूर्व माताओं ने कलैण्डर या दीवार पर होई माता का चित्र बनाकर ...