मेरठ, अक्टूबर 24 -- देहदान को महादान कहा जाता है। मृत देह मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए साइलेंस टीचर की तरह होती है। वे आपके शारीरिक अंगों पर प्रैक्टिकल कर दूसरों को जीवन देना सीखते हैं। इंसान की जिंदगी बचाने के लिए चिकित्सकों की अहम भूमिका मानी जाती है और एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को पढ़ाई के लिए मृत शरीर का भी बड़ा योगदान होता है। देहदान न होने के कारण एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाई में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था, लेकिन अब धीरे-धीरे लोग देहदान के प्रति जागरुक हो रहे हैं, जिससे एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी काफी मदद मिल रही है। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि अगस्त 2022 में महेश चंद्र पुत्र स्व: श्री अतर सैन जैन उम्र 85 वर्ष निवासी जवाहर क्वाटर्स ने मेडिकल कॉलेज मेरठ के शरीर रचना विभाग में अपना देह द...
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