एटा, मई 8 -- विश्व थैलीसिमियां दिवस पर गुरुवार को मेडिकल कालेज में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की सेमिनार हुई। थैलीसिमियां बीमारी पर एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। विश्व थैलीसिमियां दिवस इंडिया कैपिटल ऑफ थैलीसिमियां थीम पर मनाया जा रहा है। लखनऊ की प्रोफेसर डा. गीता ने बताया कि थैलीसीमियां प्रभावित रोगियों की पहचान मेडिकल कालेज की मेडिसिन एवं बालरोग ओपीडी में चिकित्सक करते हैं। इस बीमारी से ग्रसित गर्भवती महिलाओं, बच्चों में खून की कमी हो जाती है। बचाव के लिए खून चढ़ाना ही एकमात्र उपाय है। इस बीमारी से लड़ने के लिए भी खून की जरूरत होती है। जांच से इस बीमारी से प्रभावित महिला एवं बच्चों की पहचान हो सकती है। उसके बाद उनमें खून की होने वाली कमी को रोकने के प्रयास किए जाते हैं, जिससे उनको गंभीर प्रभाव होने से बचाया जा सके। सेमिनार ...