मोतिहारी, फरवरी 22 -- शहर के मूर्तिकार अपने पुश्तैनी पेशे को आगे बढ़ाते आ रहे हैं। पूरा परिवार मिलकर रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करता है। पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चे भी काम में हाथ बंटाते हैं, तब जाकर जीवनयापन हो पाता है। बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति, पूर्वी चंपारण के अध्यक्ष उदय कुमार पंडित व सचिव राम एकबाल पंडित ने बताया कि जिले में 200 से अधिक छोटे-बड़े मूर्तिकार हैं। वहीं, शहर में 60 से अधिक मूर्तिकार इस कला से जुड़े हैं। मूर्तिकार अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं। कई परेशानियों को झेलते हुए भी पुश्तैनी पेशा को महज ढो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मूर्तिकारों को सरकार की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिलता है। इस कला को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाता तो यहां के कलाकार मूर्तियों के साथ मोतिहारी की पहचान भी गढ़ पाते। सौ साल में भी नहीं बदले हालात :...