नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- देश के न्यायिक इतिहास में सोमवार को एक चौंका देने वाला पन्ना जुड़ गया। दो राज्यों- पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर देश के तमाम सूबों के मुख्य सचिवों को सर्वोच्च न्यायालय से एक साथ माफी मांगनी पड़ी। दरअसल, 22 अगस्त को ही शीर्ष अदालत ने देश भर के नगर निगमों को यह आदेश जारी किया था कि वे पशु जन्म नियंत्रण के नियमों के अनुपालन के लिए जरूरी संसाधनों, मसलन लावारिस कुत्ते पकड़ने वाले कर्मचारियों, विशेष वाहनों, पशु चिकित्सकों और कुत्तों के बाड़े से जुड़ी जानकारियां विस्तार से दें। मगर 27 अक्तूबर को जब तीन जजों की पीठ मामले की आगे सुनवाई के लिए बैठी, तो सिर्फ दो राज्यों का हलफनामा उसके सामने था। ऐसे में, स्वाभाविक ही सख्त रुख अपनाते हुए पीठ ने बाकी सभी सूबों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को तलब कर लिया। जाहिर है, सभी राज्य प...