नई दिल्ली, जुलाई 1 -- फिनोलॉजी रिसर्च डेस्क द्वारा ट्रैक किए गए भारतीय आवास बाजार से पता चलता है कि संपत्ति की कीमतें घरेलू आय से लगभग 2 गुना अधिक बढ़ी हैं। यानी मिडिल क्लास का अपने घर का सपना महंगाई के बोझ तले दब रहा है। आइए समझें ऐसा क्यों हो रहा है? क्या रोशनी की कोई किरण नजर आ रही है?शहरों से गायब होते Rs.1 करोड़ के घर सप्लाई में भारी गिरावट: 2022 से 2024 के बीच, भारत के टॉप सिटीज में Rs.1 करोड़ से कम कीमत वाले घरों की संख्या में 36% की गिरावट आई है। हैदराबाद जैसे शहरों में तो यह आंकड़ा 70% तक पहुंच गया, जबकि मुंबई में 60% और दिल्ली-एनसीआर में 50% की कमी हुई। लग्जरी मार्केट का उछाल: इसी अवधि में, Rs.1 करोड़ से ऊपर वाले प्रॉपर्टीज की सप्लाई में 48% की बढ़ोतरी हुई। बेंगलुरु में लग्जरी होम्स की संख्या 187% और चेन्नई में 127% बढ़ी, जो बिल...