नई दिल्ली, सितम्बर 25 -- बी के मुरली,एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) भारतीय वायु सेना का मिग-21 लड़ाकू विमान आज (26 सितंबर) अपनी आखिरी उड़ान भरने जा रहा है। अब यह हमारे सुरक्षा बेड़े का नहीं, संग्रहालय का हिस्सा होगा। मेरे लिए यह भावुक कर देने वाला पल है, क्योंकि वर्ष 1975 में जब मैं भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ था, तब मुझे सबसे पहले मिग-21 स्क्वाड्रन में ही भेजा गया था। 'स्क्वाड्रन' से जो परिचित नहीं हैं, उन्हें बता दूं कि एक स्क्वाड्रन 18 विमानों से तैयार होता है, जिनमें से 16 फाइटर और दो अभ्यास कराने वाले विमान होते हैं। मुझे वह दिन आज भी याद है। एक अलग ही उत्साह था हममें। यह देश का पहला सुपरसोनिक विमान था, इसलिए इसकी मांग काफी ज्यादा थी। 'इंटरसेप्शन' में इसका इस्तेमाल होता था, यानी हवाई मार्ग से कोई हमारी सीमा में घुसने की कोशिश करता, तो...