भागलपुर, सितम्बर 1 -- भागलपुर, वरीय संवाददााता मोबाइल और टीवी देखने की लत से बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है। उनका मानसिक और भावनात्मक विकास प्रभावित हो रहा है। दो से छह वर्ष की उम्र के बच्चे वर्चुअल ऑटिज्म की चपेट में आ रहे हैं। ये बच्चे मोबाइल की आभासी दुनिया में इस कदर खो जाते हैं कि वास्तविकता से दूर हो जाते हैं। सात से 14 साल तक के बच्चे अकेलेपन या उग्र स्वभाव वाले हो रहे हैं। इनमें गुस्सा, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता की कमी देखी जा रही है। मनोचिकित्सकों के अनुसार, दो से 14 साल तक के 10 ऑटिज्म केस में से तीन से चार की संख्या में बच्चे वर्चुअल ऑटिज्म की जद में मिल रहे हैं। मायागंज अस्पताल के पीएमआर विभाग में हर माह लगभग 18 से 20 बच्चे ऑक्यूपेशनल थेरेपी के लिए पहुंच रहे हैं। इन बच्चों को मनोचिकित्सक थेरेपी के लिए भेजते हैं। इनमें स...