चमोली, नवम्बर 5 -- गैरसैंण कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेले की दूसरी संध्या प्रसिद्ध कुमाउंनी गायिका माया उपाध्याय और युवा गढ़वाली लोक गायक मृणाल रतूड़ी के नाम रही। इनके गाये गानों से पूरा पांडाल थिरकने पर मजबूर हो गये। माया उपाध्याय ने उत्तराखंड में गंगा जमुना, जैजे पंच प्रयाग, लबरा छोरी हाय हाय, हाय ककड़ी झिले मां लून पीसो सिला मां.. तो युवा गायक मृनाल रतूड़ी ने जागर जै मां भगवती, राज राजेश्वरी के बाद मोहनी, गैरसैंण बाजारा, चल स्याली कोथीक, रमझमा, छैला मेरी छैला.. की शानदार प्रस्तुतयिां दी जिन पर खास कर युवा थिरकने को मजबूर हो गये।

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